आजकल हिमालय में घूमने के साथ ध्यान की बंबा घेर क्लास (गदहिया गोलः गांव के स्कूलों की नर्सरी)चल रही है। सनातन पद्धति वाली कक्षा तीन दिन हो चुकी। आज बस थोड़ी देर बाद एक विपश्यना ध्यान केन्द्र में भरती हो जाऊंगा। शाम को संकल्प फिर दस दिनों तक बौद्ध पद्धति का मौन। संकेतों से भी बात नहीं करने के निर्देश हैं। बहुत दिनों से सोच रहा था कि झांक कर देखा जाए अंदर क्या है। लौटकर आप सबसे साझा करूंगा।
सुन कर भला लगा। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंप्रातः स्मरामि ...अंदर झांक कर देखना ही उत्तम होता है। प्रमाणिक भी । आपकी इस रूचि के लिए शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअंतरयात्रा...
जवाब देंहटाएंinteresting and adventurous
जवाब देंहटाएंकब लौटेंगे जनाब, दस दिन बोल कर महीना निकाल लिया.
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