सफरनामा

19 जून, 2008

असली कौन चेहरा या हाथ

अमिताभ बच्चन जी आजकल अपने ब्लाग पर नैतिकता, ईमानदारी, अच्छाई वगैरा पर बड़ी प्यारी-प्यारी बातें कर रहे हैं, मीडिया को भी कस कर हौंक रहे हैं। मीडिया ने जीवन भर जो उन पर ज्यादती की उसका संचित बदला ले हैं। बता ही डाला कि उन्हीं की दारू पीकर भाई लोग उन्हीं को अगले दिन नसीहत लिख मारते हैं।

ब्लाग बिगबीबिगअड्डा.काम पर उनका जो फोटो लगा है डराने और बस जरा सी जुगुप्सा जगाने वाला है। क्योंकि उनके हाथों और चेहरे की बीच कम से कम पचास साल का फासला है। लगता है कि यह हाथ इस चेहरे को कभी-कभार आशीर्वाद देने या कान उमेठने के लिए छूता होगा वरना दोनों में बरसों तक देखादेखी नहीं होती होगी। बगल में हरिवंश जी की एक कविता है इस्तेमाल यह बताने के लिए किया गया है कि जिंदगी ने मुझे इतना मौका ही नहीं दिया कि मैं किए-कहे-माने की नतीजा सोच सकूं। बेटा-तुम जो आजकल कर रहे हो ठीक है, यानि सही जा रहो हो- एक पिता की कविता अपने व्यापक सरोकारों से कट कर सिर्फ अपने बेटे के लिए वहां कुछ ऐसा ही बिंब बना रही है।

उन खबरों का उनकी तरफ से कोई अभी तक खंडन नहीं आया है जिनमें कहा गया है कि ये बातें करने के लिए उन्हें सौ करोड़ दिये गए हैं। वे ये बातें अपनी तरफ से करते, इसके लिए इतना ज्यादा पैसा लेने की क्या जरूरत थी। अगर उन्होंने पैसा ले लिया है तो इस नैतिकता, ईमानदारी, साफगोई, हिम्मत आदि सामानों का असली मालिक किसे माना जाए? इसे बताने के लिए भी क्या वहां हरिवंश राय बच्चन की कोई एक कविता राइट क्लिक- कापी फिर क्लिक और पेस्ट की जाएगी।

आज बाराबंकी के केपी तिवारी से बात हुई। तिवारी जी लगे बताने कि अपने भाई के ५२ वें जन्मदिन यानि २७ जनवरी को बच्चन जी ने अपनी बहू एश्वर्य, लड़के अभिषेक और धर्मपत्नी जया बच्चन के साथ दौलतपुर गांव आकर लड़कियों के एक कालेज का शिलान्यास किया था। कालेज का नाम पहले हरिवंश जी के नाम पर रखा जाना था लेकिन रखा एश्वर्य के ही नाम पर गया।

वहां चंद्रबाबू नायडू, ओमप्रकाश चौटाला, फारूख अब्दुल्ला यानि पूरा तीसरा मोर्चा और तीसरे मोर्चे के चेयरमैन मुलायम सिंह यादव भी थे। जया बच्चन ने कहा कि वे चाहती है यूपी के हर घर एश्वर्य जैसी पढ़ी-लिखी, शालीन, समझदार बहू आए इसलिए यह कालेज शुरू किया जा रहा है। उन्होंने एश्वर्य से भी कहा कि वे हर साल यहां आकर देखें कि पढ़ाई कैसी हो रही है- कहीं मस्टराइनें एक दूसरे की जुएं निकाल रही हों और लड़कियां पिछवाड़े के खेतों में कबड्डी खेल रही हों। एश्वर्य ने माइक पर अभिषेक को कहा अभिषेक जी और अभिषेक ने कहा ऐश्वर्य जी और लोगों को बड़ा मजा आया। बड़ी देर तक तालियां बजती रहीं। पता नहीं क्यों, शायद दोनों पहली बार एक दूसरे का पहचान लिया था इसलिए।

यह भी कहा गया कि कालेज अगले सत्र से शुरू हो जाएगा और इसे चलाने का जिम्मा जया प्रदा के एनजीओ निष्ठा फाउंडेशन को दिया जा रहा है। उस दिन जिला प्रशासन ने हेलीकाप्टरों के फेरे और तामझाम के सलमे-सितारे गिन कर तखमीना लगाया कि कोई पांच करोड़ का खर्चा शिलान्यास, पूजा-पाठ पर तो आया ही होगा। जो झक्कास हाईप्रोफाइल बस अमिताभ बच्चन के परिवार को लेकर एयर पोर्ट से वहां आई थी वह अफसरों की नजर में चढ़ गई और जांच हुई तो पता चला कि हमीरपुर से उसका जो रजिस्ट्रेशन था फर्जी है जांच एक दारोगा कलकत्ता अमर सिंह के लिए घर गया वहां उसका स्टिंग आपरेशन हो गया और वह मुख्यमंत्री मायावती की बदले की भावना का सबूत बन गया। किस्सा चंद्रकांता संतति सा पेंचदार है....बहरहाल भटकने से बचने के लिए बाराबंकी के दौलतपुर चलें।

तिवारी जी ने बताया कि जौन ईंटा रखा रहा गा हुंआ, कुछ दिन रखा रहा, अब मनई लइ जा रहेन चरनी-नांद बनावै खातिर और जयाप्रदा के फाउंडेशन का अबै तक कौनो अता-पता नहीं ना।

जिस गांव दौलतपुर में यह कालेज है वहां एक और किसान ने अखबार पढ़कर यह जानकारी प्राप्त की है अमिताभ बच्चन का हाथ थोड़ा तंग है क्योंकि किसी अफ्रीकी देश में अभी उन्होंने बयान दिया था कि कालेज के लिए कोई ट्रस्ट है जो अभी पैसा इकट्ठा करने का काम कर रहा है।

तिवारी जी का कहना है कि खांमखां का हौफा है अरे जेतना उद्घाटन में फूंकिन ओतने में तौ हियां लल्लन टाप कालिज बन जातै।

अमिताभ बच्चन जी, जिस कालेज ने आपको जीवन के सबसे बड़े संकट से उबारा ताकि आप रोष में सिंकती अपनी नैतिकता को लोगों तक अबाध पहुंचा सकें- वह कब से शुरू होगा?

ब्लाग अनुबंध की शर्त के बतौर अगर किसी कंपनी या आदमी ने प्रतिबंध न लगा रखा हो तो मैं विनम्रतापूर्वक चाहूंगा कि हारमोनियम पर आकर बताएं। यह भी कि जब आप खुले दिल से डायलॉग करने ब्लाग पर आ ही गए तो यह हाथ और चेहरे बीच आधी सदी का फासला क्यों है? कोई जरा ईमानदार सी फोटो पेस्ट कीजिए ताकि जिन्होंने जिंदगी भर आपकी तस्वीरें देखीं अब आपको भी देख सकें।