खंडित सरलरेखीय अध्यात्म
anichcha! ka arth hai nirantar parivartansheel
anichcha
likhne, nahin likhne ke beech kee duniya
अनिच्छा एक अजीब से खुमार की तरह, कई बार अवसाद की तरह और कई बार लत की तरह इसी तरह लंबी खिंचती चली जाती है।
खंडित सरलरेखीय अध्यात्म
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जवाब देंहटाएंअनिच्छा एक अजीब से खुमार की तरह, कई बार अवसाद की तरह और कई बार लत की तरह इसी तरह लंबी खिंचती चली जाती है।
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